₹0.00

No products in the basket.

Home Blog

अपामार्ग का पौधा और उसके फायदे

0
अपामार्ग के चमत्कारिक गुण

यदि आप में से कोई भी जड़ी बूटी के बारे जजा भी जानकारी रखते है तो आप सब को पता होगा की अपामार्ग का पौधा क्या है और कोन सी बिमारियों के लिए इसका इस्तेमाल होता है वैसे तो यह पौधा देखने में कांटे दार होता है|

लेकिन पुरे पौधे में कांटे नहीं होते बल्कि सिर्फ ऊपर फूल के जगह पर होता है और यह कांटे बड़े नहीं बल्कि छोटे होते है

अपामार्ग के पौधे का गुण क्या है 

दोस्तों आज की इस लेख में आप सब को बताएँगे की अपामार्ग का पौधा कैसे दीखता है और इसके फायदे क्या क्या है आप सब इस को आखिर तक ज़रूर पढ़ना ताकि इसके बारे में पूरी जानकारी मिले और आप को फायदा मिल सकें|

सबसे पहले आप को बता दिन की आपमर्ग का पौधा 3 से 4 फीट का होता है इसके पत्ते छोटे छोटे होते है यह पौधा खास कर रोड के किनारे पर आप को आसानी से मिल जाता है यह पुरे भारत देश में पाया जाता है

इस पौधे को लोग बहुत तरह की बीमारी को दूर करने के लिए इसके जड़ तना और पत्तों का इस्तेमाल करते है लेकिन आज हम आप सब को पूरी जानकारी दूंगा की इस पौधे का इस्तेमाल किन किन बिमारियों में किया जाता है|

अपामार्ग से करें इन बिमारियों का इलाज 

दोस्तों अपामार्ग का पौधा बहुत गुण करी है इसमें बहुत सरे गुण पाए जाते है आप को बता दूँ की इस पौधे को चिढ़चिढ़ा के नाम से भी लोग जानते है अब इसके फायदे के बारे में आप सब को कुछ जानकारी दे देते है इस का फायदा भी 2 है 

एक वह जो इन्टरनेट पर दिया हुआ है जो एक जानकारी के रूप में होता है दूसरा जिसे हमारे डॉक्टरों के द्वारा इस का 100 % इस्तेमाल करके बीमारी को ठीक किया गया है सबसे पहले हम इन्टरनेट की बात कर लेते हैअपामार्ग के चमत्कारिक गुण

तो इसका इस्तेमाल भूख बढ़ाने और प्यास बढ़ाने के लिए बताया गया है साथ ही मोटापा को कम करने केलिए भी उसको उपयोगी बताया है और किसी ज़हरीले जानवर व सांप और बिच्छू के काटने पर इसका इस्तेमाल को लाभकारी बताया है 

हमारे डॉक्टरों द्वारा अपामार्ग का सफल इस्तेमाल 

दोस्तों अब हम बात करते है की इस पौधे को हमारे यहाँ यानि की हमारे डॉक्टरों ने किन बिमारियों के लिए इस्तेमाल किया है और इसका क्या रिजल्ट रहा है क्या इस पौधे को सच में बिमारियों को दूर के लिए इस्तेमाल कर सकते है |

जी हाँ अगर आप चाहे तो अपने घर पर भी इसका इस्तेमाल कर सकते है और बिमारियों को दूर कर सकते है तो चलये जानते है की किन किन बिमारियों के लिए हम अपामार्ग का इस्तेमाल करते है

दोस्तों जिन बिमारियों के लिए हम इसका इस्तेमाल करते है उनमे से एक है बवासीर की बीमारी और दूसरी है बहुत पुरानी बुखार की बीमारी जी हाँ इसी के साथ बुख को बढ़ाने केलिए भी हम इसका इस्तेमाल करते है

कैसे करें अपामार्ग का इस्तेमाल 

दोस्तों जब भी कोई जड़ी बूटी की बात आति है तो सबसे पहले उसका इस्तेमाल कैसे होना चाहिए यह बहुत ज़रूरी होता है और यह जानकारी भी बहुत ज़रूरी है की कैसे इस दवा को लेना है और इसका परेज क्या हैं यह बहुत ज़रूरी है|

तो दोस्तों अगर इसका इस्तेमाल आप बवासीर की बीमारी केलिए कर रहे है तो आप को इस के जड़ को लेना है और इसको पिस कर सुभाह खली पेट एक ग्लास पानी में जूस या अर्क बना कर पी लेना है और लग भाग इसका इस्तेमाल 

15 दिन तक करना है और जब आप इसको बुखार के लिए करेंगे तो आप को इसका जड़ ही लेना होगा और खली पेट 2 से 3 लॉन्ग और इलाइची के साथ और 3 काली मिर्च के साथ पाउडर बना लेना है और दिन में 3 बार इस्ला इस्तेमाल करना है 

अधिक जानकारी के लिए आप हम से या हमारे डॉक्टरों से संपर्क कर सकते है ayurvedaguru@gmail.com

आप सप्तपर्णी के बारे में क्या जानते है|

0
सप्तपर्णी का फायदा

आप सप्तपर्णी के बारे में क्या जानते है|आज तक आप ने जो कुछ भी सप्तपर्णी के बारे में सुना था वह सही था या नहीं  क्या आप की दादी नानी ने आप को क्या बताया था क्या है सप्तपर्णी की कहानी क्या सच में इस पेड़ में रहती है डायन|

आप सप्तपर्णी के बारे में क्या जानते है 

दोस्तों जड़ी बूटी की दुनिया में एक ऐसा पेड़ जिसके बारे में आप सुन कर सुन हो जायेंगे जी सही सुना आप ने और आप सोच रहे है की आखिर ऐसा में क्यों बोल रहा हु और इस पेड़ की क्या ऐसी बात है क्यों डरते है लोग इस की असली

कारण क्या हो सकती है क्यों आखिर इस पेड़ को शैतान का पेड़ कहते है क्यों रात में इस पेड़ के करीब नहीं जाना चाहिए क्या सच में इस पेड़ के पास और उपर डायन रहती है क्या इस पेड़ के आस पास ज़हरीली हवा रहती है|

आप जानते है की सप्तपर्णी के छाल में ज़हर होता है 

क्या इस के छाल ताना और फूल और जड़ में ज़हर का मात्रा बहुत पाया जाता है क्या इसके छाल को खाना चाहिए या नहीं आखिर किन किन बिमारियों में इस पौधे या पेड़ का काम अता है और किन बिमारियों के लिए इस पेड़ के छाल और जड़ 

को इस्तेमाल किया जाता है और कैसे इसका सेवन करते है सब कुछ बताएँगे यहाँ पर आप सभी को बस आप सब धीरज बना के रखये आप लोगों को सारी जानकारी देने वाले है इस के बाद आप को यह भी बताएँगे की इसका इस्तेमाल-

कैसे करना है जी हाँ आज सब कुछ खुल के बताने वाला हु सबसे पहले तो आप को इस पेड़ के बारे में सही जानकारी देना बहुत ज़रूरी समझता हु क्यों की बहुत सारी गलत बातें इस पेड़ को लेकर कही जाती है और इस पेड़ को कुछ लोग 

ज़हरीला भी कहते है और कुछ लोग तो इसको खाने से भी माना करते है की किस के छाल में ज़हर है पर ऐसा कुछ भी नहीं है क्यों की यह पेड़ हमरे इंडिया में लगभग सभी जगह पर मिल जाता हैसप्तपर्णी  का फायदा

  1. क्या सप्तपर्णी एचआईवी (HIV) को ठीक कर सकता है 

  2. Answer, Yes

यदि ऐसा होता-तो अब तक इस पेड़ का नाम और निशान इंडिया से मिट गया होता -ठीक है अब आप सभी को बता दूँ की इस पेड़ के चमत्कारिक गुण क्या क्या है और कैसे काम करता है क्या सच में यह पेड़-

अमृत का काम- करता है जी हाँ यह पेड़ अमृत से कम करता है क्यों की यह बहुत सरे बिमारियों में काम अता है और कई बड़ी बीमारी को दूर करता है सबसे पहले तो इस पौधे के छाल को रात में भिगो कर सुबह खली पेट

इस्तेमाल करने पर आप को कैसी भी बुखार हो यह पूरी तरह से आप को ठीक कर देता है और आप चाहे कितना भी पुराना क्यों न हो आप की बुखार जड़ से ख़त्म कर देता है साथ ही सप्तपर्णी एचआईवी-

(ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस (HIV) जैसी घातक बीमारी को ठीक करने में बहुत ही योगदान देता है अगर इसका सही इस्तेमाल किया जाए तो यह आप की एचआईवी को जड़ से ख़त्म भी कर सकता है पर सही इस्तेमाल होना 

  1. एचआईवी (HIV) के लिए सप्तपर्णी का इस्तेमाल 

  2. जी सप्तपर्णी का इस्तेमाल एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस) की बीमारी को जड़ से ख़त्म करने के लिए किया जाता है लेकिन इसका सही इस्तेमाल से ही आप इस बीमारी को जड़ से ख़त्म कर सकते है|

वरना सही जानकारी न होने पर आप नुकसान भी उठा सकते है इस लिए हमारी सलाह है की जब भी किसी दवा का इस्तेमाल करें तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर ले लें ताकि आप को नुकसान न हो और आप की बीमारी ख़त्म हो जाएँ |

गिलोय क्यों है इतना खास क्या है फ़ायदा

0
गिलोय का फायदा

अगर बात रोग प्रतिरोधक क्षमता की बात हो और गिलोय का आयुर्वेद में नाम न आय ऐसा हो ही नहीं सकता है क्यों की आयुर्वेद में गिलोय ही एक ऐसी जड़ी बूटी है की इसका इस्तेमाल लग भाग सब बिमारि को दूर करने के लिए होता है |

गिलोय का फ़ायदा क्या है 

दोस्तों आज की इस लेख में हम आप सब को बताने वाले है की गिलोय  का फायदा क्या है और इसका इस्तेमाल क्यों आयुर्वेद में खास है और इसका इस्तेमाल क्यों करें और कैसे कर सकते है और यह भी बताएँगे की आप को कैसे लेना है |

मेरे प्यारे मित्रों आप सभी को पता है की गिलोय सभी तरह की रोगों को दूर करती है करने वाली एक प्रशिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसको लग भाग पूरी दुनिया में इस्तेमाल किया जाता है यदि आप नहीं जानते है|

तो आज हम गिलोय से जुड़ी सभी जानकारी देने वाले है इस लिए आप सभी इस लेख को धियान से आखिर तक पढ़ना है ताकि आप को गिलोय  के बारे में पूरी जानकारी मिल जाए और आप घर बैठ कर ही फायदा उठा सकते है |

गिलोय किन किन बीमारी में लें 

यदि आप आयुर्वेद से दिलचस्पी रखते है और आप साइड इफ़ेक्ट से हमेशा पचना चाहते है तो आप को गिलोय के बारे में ज़रूर कुछ तो पता होगा और इसके फायदा के बारे में जानते होंगे फिर भी यहाँ पर हम आप सब बहुत सारी नई-

जानकारी देने वाला हु जो शायद की आप सब को पता होगा सबसे पहले आप को यह तो ज़रूर पता है की गिलोय का इस्तेमाल रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है लेकिन हम आप को बहुत सारी 

जानकारी देंगे की आप इसके इस्तेमाल से आल मोस्ट सभी बीमारी को दूर कर सकते है जिसके इस्तेमाल भी काफी  सिंपल है आप को बता दूँ की रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ गिलोय को शुगर लेवल कम करने के लिए भी इस्तेमाल 

है और इसका बहुत फायदा भी और यह अच्चा रिजल्ट भी देता है इस लिए बहुत सरे लोग इसका इस्तेमाल शुगर के लिए करते है इसी के साथ और भी कुछ बिमारियां जिसके लिए गिलोय का लोग उपयोग करते है और फायदा भी 100% मिलाता है|गिलोय का आयुर्वेदिक उपयोग

गिलोय डेंगू भी फायदे मंद है 

दोस्तों आज के समय में एक बीमारी है जो शहरी छेत्र में बड़ी तेज़ी से फ़ैल रहा है लेकिन जितनी तेज़ी से यह बीमारी फ़ैल रहा है उतनी ही तेज़ी से इसका दवा भी आना चाहिए लेकिन अफ़सोस है की अब तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है

जी हाँ सही सुना आप ने इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है अक्सर जब लोग इस बीमारी के चपेट में आते है डॉक्टर इसका इलाज करने के बजाय लोगों को नारियल पानी और पपीते का पत्तों का जूस और पका हुआ पपीता खाने बोलते है|

लेकिन वही आयुर्वेद में एक और जड़ी बूटी है जो इस बीमारी को हरा सकती है वह है गिलोय जड़ी बूटी जी हाँ यह जड़ी बूटी आप को कही पर भी मिल जाती है पुरे इंडिया में यदि न मिले तो आप को आयुर्वेदिक क्लिनिक में ज़रूर मिल जाएगी|

दिल की बीमारी के लिए फायदा मंद 

दोस्तों इस जड़ी बूटी यु ही नहीं खास है बलके इसके गुण इस को खास बनाते है आप को बता दूँ की गिलोय न सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है बलके यह आप को की दिल की बीमारी को भी दूर भागती है और आप को healthy-

रखती है दोस्तों इसका उपयोग आप पेट की कब्ज़ को दूर करने के लिए भी कर सकते है यह उस के लिए भी बहुत फायदे मंद है यदि आप भी परेशान है पेट की बीमारी से तो आज ही इसका उपयोग करें और यह जड़ी बूटी तो आप की-

खून की कामी को भी दूर कर सकती है और आप को और आप की खून को ताज़ा रख सकती है जी हाँ आप सभी को यह जानकारी कैसी लगी ज़रूर बताना है 

 

 

हंसपदी पौधा के चमत्कारी गुण

0
हंसपदी के इस्तेमाल

दोस्तों अगर बात हो आयुर्वेदिक दवा की या फिर हर्बल जड़ी बूटी की तो कई पौधों के नाम आम तौर पर तो ज़बान पर आ ही जाते है पर उन्ही में से एक ऐसा पौधा है जिसका नाम लेना ही पढेग वरना यह लेख ही अधुरा रह जायेगा जी हाँ वह पौधा है हंसपदी वैसे तो यह पौधा बहुत ही उपयोगी है पर हंसपदी का पौधा बहुत कम ही मिलता है|

हंसपदी के पौधा के फ़ायदे 

वैसे तो हंसपदी का पौधा बहुत ही कम जगहों पर पाया जाता है पर यह अक्सर पहाड़ी छेत्रों में बहुत पाए जाते है खास कर यह पहाड़ी छेत्रों में नमी वाली जगहों में मिलते है 

हंसपदी का औषधीय उपयोग क्या है 

दोस्तों वैसे तो इसका इस्तेमाल कई बीमारी के लिए है लेकिन आम तौर पर यह औषधि का उपयोग बुखार जैसी बिमारि के लिए किया जाता है और इसका एक खास बात यह भी है की इसका इस्तेमाल टूटी हड्डियों को जोड़ने केलिए भी किया जाता है|

इस के अलावा इस आयुर्वेदिक औषधि का इस्तेमाल हेयर ग्रौथ के लिए किया जाता है जो की काफी फ़ायदे मंद है इसी के साथ यह जड़ी बूटी हेयर फॉल जैसी बड़ी बीमारी को दूर कर देता है यदि आप लम्बे समय से से हेयर फॉल की समस्या हंसपदी के फायदे

से झुझ रहे है और आपकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है तो आप इस चमत्कारी जड़ी बूटी का इस्तेमाल कर सकते हो क्यों की यह औषधि हेयर फॉल की सारी दिक्कतों को दूर कर देता है और आप की बालों को सुन्दर भी बनता है

आप सब की जानकारी के लिए यह भी बता दूँ की यह जड़ी बूटी जलन काटन और जहरीले घाव कुष्ठ रोग के साथ साथ त्वचा रोग में भी बहुत गुण करी है फोड़े फुल्सियों को भी ख़त्म करने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है|

हंसराज से ठीक होता है अनेक रोग  

दोस्तों हंसपदी का जड़ भी बड़े काम की चीज़ है इसका उपयोग टोनिक के रोप में भी करते है पित्त की बीमारी के लिए भी इसका इस्तेमाल करते है जड़ों के काढ़ा का इस्तेमाल बच्चों के गले के संकर्मण और बुखार के लिए भी किया जाता है|

इसके सिवा उड़ीसा में इस पौधे को कुचल कर बढ़े हुए पेट की बीमारी को ठीक करने के लिए किया जाता है आप सब को एक बात यह भी बता दूँ की इस पौधे को हंसराज भी कहा जाता है उसका करण है यह हंस के बिच नदी में भी उग जाता है|

सदाबहार पौधे का आयुर्वेदिक उपयोग

0
सदाबहार का पौधा

मेरे प्यारे मित्रों आज के इस लेख में हम आप सब को सदाबहार आयुर्वेदिक पौधे के बारे में बताने वाला हु जिसके फायदे जान कर आप के होश उड़ जायेंगे जी हाँ क्यों की इसकी चमत्कारी गुण ही इसको और पौधों से अलग रखा है |

सदाबहार पौधे के फ़ायदे आज ही जान लें 

क्या है सदाबहार का पौधा कैसे करें इस का इस्तेमाल क्यों है इतना खास जानेगे आज के इस लेख में एक एक कर के सब कुछ इस लिए आप सब इस लेख के अंत तक बने रहिएगा ताकि पूरी जानकारी आप को मिल सके और आप भी हमारी तरह 

किसी भी बीमारी को घर बैठे ही ठीक कर सकें तो चलये शुरू करते है की सदाबहार का पौधा हमारे लिए इतना खास क्यों है क्यों की सदाबहार के पौधे का हर भाग आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है कोई भी भाग इसका बेकार नहीं जाता है|

इसके हर भाग में चमत्कारी गुण होते है इसकी वजह से यह हमारे शारीर को अलग अलग बीमारी से बचाता है और कई सारी बीमारी को जड़ से ठीक भी करता है अगर हम बात करे इस पौधे के फोलों की तो इसके फूलों में भी अद्भुत गुण है|

सदाबहार के किस भाग के क्या फ़ायदे है 

खास कर इस पौधे के फूलों का इस्तेमाल ब्लड प्रेशर से जुड़ी परेशानियों को दूर करने और ठीक करने के लिए किया जाता है और हमारे मानसिक तनाव को भी दूर करता है इस पौधे के फूलों में एंटी हाइपरतेन्सिव गुण पाए जाते है|

जिसकी वजह से हमारे दिमाग को भी रिलेक्स रखते है और सुकून महसूस कराते है वही अगर हम बात करें इस पौधे की पत्तियों की तो इस के पत्तों में भी अद्भुत फायदे है जो कई तरह की बीमारी से हमें दूर रखते है खास कर|

इस पौधे की पत्तियों में वह चमत्कारिक गुण है जो आप की शुगर की बीमारी को कण्ट्रोल कर सकता है इस के लिए आप को रोज़ सुबह सवेरे 3 से 5 पत्तियों को खली पेट लेना है इस से आप के सुगर कंट्रोल रहते है अगर आप चाहें तो इसके 

पत्तों और टहनी और जड़ को पिस कर चूर्ण या गोली बना सकते है और उसका उपयोग कर सकते है इसका लेने का तरीका है सुबह खली पेटआप सब की जानकारी की जानकारी के लिए बता दें की यह सदाबहार का पौधा |

दिल की बीमारी से रोग प्रतिरोधक क्षमता तक पहुच

हमारे दिल की बिमारियों में भी काफी लाभ दायक है जिसके लिए आप इसका इस्तेमाल खली पेट पानी के साथ कर सकते है इसका एक और खास इस्तेमाल है वह है आप की कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना जी हाँ |

अगर आप का भी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमज़ोर है और ऐसे में आप बार बार बीमार पर जाते है तो आप इसका इस्तेमाल कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते है|

दोस्तों एक विशेष गुण के बारे में तो आप को बताया ही नहीं और इसके बिना तो यह लेख ही अधुरा रह जायेगा इस लिए वह भी बताऊंगा और वह है आप की नर्वस सिस्टम से जूसी हर समस्या का समाधान है इस पौधे में इस लिए अगर आप 

को कभी इसकी दिकत हो तो आप हमारे डॉक्टर से सलाह ले कर इसका इस्तेमाल कर सकते है हो हमारे पास इसका 24 सालों का अनुभव है और अंत में यह भी सुझाव रखना है हमारी जानकारी आप के लिए कैसी रही comment में बता देना|

 

गोरखमुंडी का आयुर्वेद में इस्तेमाल

0
गोरखमुंडी का फ़ायदा और आयुर्वेद
गोरखमुंडी का फ़ायदा और आयुर्वेद

कहते है की इस पिथ्वी में कोई ऐसी बीमारी नहीं जिसकी दवा मोजूद न हो लेकिन अक्सर हमें दवा मिलती ही नहीं और उकसा कारण है की हमे पता नहीं है की कोन सी दवा किस बीमारी के लिए है एक सच्ची यह भी है की जो शहद के छत्ते को कांटने जनता है वही काट सकता है |

गोरखमुंडी पौधे का कैसे इस्तेमाल करें|

गोरखमुंडी एक प्रकार का एक जंगल है जो आम तोर से से हमारे पुरे भारत में पाया जाता है लेकिन इसका भी खास समय होता है खास कर यह पौधा बरसात के मौसम के बाद ही तेज़ी से बढ़ता है और जैसे ही ठंड पड़ता है इसका फूल खिलने लगता है |

एक बात और भी आप सब की जानकारी के लिए बता दें की यह गर्मियों के मौसम में धान के खेतों में भी उगते है जिसे आप अक्सर देखते रहते है वही अगर हम बात करें इसके टेस्ट को लेकर तो इसका टेस्ट करवा और तीखा होता है |

और इसका सुगंध अच्चा होता है यदि कोई इस दवा का इस्तेमाल करना चाहता है तो दिन में 2 बार इसका इस्तेमाल कर सकते है खास कर अगर आप दर्द की बीमारी के लिए इस्तेमाल करना चाहते है तो सुबह खली पेट ले सकते है |

गोरखमुंडी किन बीमारी के लिए फायदे मंद है 

गोरखमुंडी एक Unani हर्बल मेडिसिनल पौधा है जिसका इस्तेमाल कई प्रकार के बीमारी को दूर करने के लिए किया जाता है कई कंपनी इसका इस्तेमाल टॉनिक बनाने के लिए करती है और इसका इस्तेमाल खराब खून को बहार करता है|

गोरखमुंडी आप के शारीर में ब्लड की कमी को दूर करता है यदि आप के दिमाग में काफी उलझन रहता है या आप का दिमाग शांत नहीं रहता है तो इसका इस्तेमाल कर सकते है गोरखमुंडी आखों की रौशनी के लिए भी काफी फायदे मंद है|

यदि किसी इंसान के सीने में काफी दर्द हो रहा है या फिर चुभन हो रहा हो तो इस के जड़ का इस्तेमाल पाउडर बना कर ले सकते है और आप को बता दें की गोरखमुंडी का इस्तेमाल दिल की कमजोरी को दूर करने केलिए भी किया जाता है|

मिर्गी के लिए सबसे कारगर है यह पौधा 

हमारे भारत में जैसे जैसे मंगहाई बढ़ रही है वैसे ही बीमारी भी कम होनी चाहिए क्यों की गरीबों के पास उतने पैसे नहीं है की किसी बड़ी बीमारी का इलाज कर सके लेकिन कहते है की बीमारी किसी इंसान का घर देख कर नहीं अता है|

 

आप को एक बात और बता दूँ की आज हमारे इंडिया में हर बीमारी बड़ी तेज़ी से फल और फूल रहा है उन्ही बिमारियों में एक बीमारी है मिर्गी की बीमारी जो की इंडिया में 12 मिलियन से भी अधिक है जी हाँ हमारे भारत की यह आंकड़ा है|

उन में से कई लोग तो ऐसे है जिनको दावा नहीं मिलने के कारण उनकी मौत तक हो जाती है लेकिन आज की इस भाग दोर वाली ज़िन्दगी में लोग आयुर्वेद को भूल गए है और कामिकल के पीछे पड़े हुए है जिसकी वजह से और बीमारी में मुब्तला होते है|

आज हम आप को बताएँगे की कैसे हम पिछले 38 सालों से हजारों लोगों को मिर्गी की बीमारी से ठीक करते है वह भी सिर्फ 2 से 3 महीने में जी है उसके लिए आप को कुछ नहीं करना है आप को गोरखमुंडी  का जड़ लेना है|

और उसके साथ आप को केले का जड़ और गोखरू का पावडर और थोड़ा सा गय का घी लेना है और हाथ पैर में मालिश करना है और उसी के साथ आप को हमारे go-meg चूर्ण लेना है और सुबह शाम इसका इस्तेमाल करना है बस 2 महीने में ही ठीक हो जायेगा| आप को बता दे की गोरखमुंडी कई बीमारी के लिए इस्तेमाल किया जाता है|

यदि आप भी इस्तेमाल करना चाहते है तो किसी भी डॉक्टर की सलाह ज़रूर ले लें 

हाथीसुण्डी के मेडिसिनल फ़ायदे और इस्तेमाल

0
हाथीसुण्डी का पौधा का इस्तेमाल
हाथीसुण्डी का पौधा

हाथीसुण्डी के पौधे के चमत्कारी गुण के बारे में आज आप सब को बताने वाले है यदि आप भी आयुर्वेदिक और हर्बल जड़ी बूटी के बारे में जानने में रूचि रखते है तो आप सब इस लेख को आखिर तक पढ़ येगा तभी आप किसी बीमारी को नष्ट कर सकते है 

हाथीसुण्डी के कुछ चमत्कारी गुण 

अगर हम बात करें हाथीसुण्डी के चमत्कारी गुण के बारे में तो इस गुण करी पौधे के कई सरे गुण है जसको हम इस लेख में विस्तार से तो नहीं गिना सकते लेकिन कुछ खास गुणों को हम ज़रूर बताएँगे ताकि आप सभी को पता चल जाए की क्या फायदे है

  1. antioxidant तो दोस्तों चलये अब बात कर लेते है इसके चमत्कारी गुण के बारे में जो आप सब के लिए बेहद फ़ायदे मंद है दोस्तों सबसे पहले तो इस पौधे में antioxidant,गुण मोजूद होने की वजह से न केवल यह त्वचा को बेहतर बनता है 

बल्कि त्वचा को स्वस्थ रखने के साथ साथ ही यह कई सारी बीमारी को भी ठीक करता है जैसे की चोट मोच गाव और सुजन जैसे रोगों में बहुत ही बेमिसाल दवा है साथ ही यह त्वचा में कोलेजन लेवल को बढ़ाता है जिस से त्वचा का रंग खिलता है 

इसी के साथ यह हमारे शारीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से हमें बचाता है और कैंसर जैसी बहुत सारी घातक बीमारी से भी बचाता है antioxidant गुण फलों और हरी सब्जियों में पाया जाता है ख़ास तोर से |

anti-inflammatory भी इस पौधे में पाया जाता है जो आप की शारीर को कई सरे गंभीर बीमारी से बचाता है और आप को स्वस्थ रखता है अगर विशेष रूप दे हम बात करें anti-inflammatory की तो हाथीसुण्डी में यह गुण मोजूद होने की वजह से 

खासकर हमारे शारीर में होने वाले किसी भी प्रकार के दर्द को नष्ट करता है और दर्द की बीमारी को ठीक करता है इस औषधि का इस्तेमाल आर्थराइटिस और ए एस ओ टाइटर  जैसे बीमारी को ठीक करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है 

और हमारे शारीर से फ्री रेडिकल्स को भी बाहर नकालता है आप को जानकारी के लिए बता दिन की anti-inflammatory गुण खास कर हाथीसुण्डी,चुकंदर में पाया जाता है इस लिए ऐसे लोगों को रूज़ चुकंदर खाना चाहिए 

हाथीसुण्डी टीबी की बीमारी को ख़त्म कर सकती है 

कई लोगों का एक सवाल था की क्या ? हाथीसुण्डी टीबी की बीमारी को ठीक कर सकता है यदि ठीक कर सकता है तो कैसे इसका इस्तेमाल कर सकते है क्या है इसका इस्तेमाल का तरीका आज आप सभी को बताएँगे विस्तार से|

दोस्तों सबसे पहले आप को बता दें की इस जड़ी बूटी यानि की हाथीसुण्डी  में एंटी टूबर क्लोसिस पाया जाता है जिसका मतलब है की यह जड़ी बूटी टीबी जैसी बीमारी को ठीक कर सकता है लेकिन इसका इस्तेमाल कैसे करना है |

यह पता होना ही ज़रूरी है वही आज बताएँगे सबसे पहले आप इसके पौधे को लें और उसको अच्छे से सुखा लें फिर इसमें जामुन के चल को मिला लें और इसी में एक और चीज़ मिलाना है वह है कटहल के पेड़ से निकला हुवा लाल रंग 

इसके बाद आप को कम से कम 20 दिन इस दवा को खाना है जिसके बाद आप की टीबी की बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जायेगा यदि कोई भी सवाल है तो आप comment में पूछ सकते है 

बुखार का घरेलु उपाय | Home Remedies Fever hindi

0

बुखार का घरेलु उपाय जान लो ज़िन्दगी भर काम आयेगा 

दोस्तों साल में 2-4 बार मौसम का बदलना एक आम बात है पर दिक्कत तो तब आति है जब मौसम के बदलने के कारण हमारी सेहत बिगड़ जाती है और हम सब को मौसमी बदलाव के वजह से बीमारी बना जाती है लेकिन बात यही नहीं रूकती है |

कभी तो हमारी तबियत मौसम की ही तरह ठीक हो जाती है पर कभी ठीक होने का नाम तक नहीं लेती है और इस बदलते मौसम की वजह से हम अक्सर जिस बीमारी के चपेट में पड़ते है वह है बुखार जी हाँ दोस्तों बुखार एक ऐसी बीमारी है जो अच्छे अच्छे सेहत मानद इंसान को हिला देती है |

फिर इंसान कम से कम तो 4-10 दिन के लिए बीमारी पड़ ही जाते है और आज के दौर में हमारा शारीर तो इतना नाज़ुक बन चूका है की बिना एंटी वेटिक दवा लिए ठीक ही नहीं होती है |और इन सब में जो आम है वह है अंग्रेजी दवाई|

बुखार के नाम पर डर का व्यपार देश में फ़ैल रहा है 

मानो अंग्रेजी दवाई ऐसी चिपक गई है जैसी की हमारे शारीर के साथ पैर जी हाँ यह बात बिलकुल सही है क्यों की अगर आज दे दौर में हमारे परिवार में किसी को भी बुखार हो जाए तो बिना अंग्रेजी के मुमकिन ही नहीं लगता है |

लेकिन मैं आप को बता दूँ की इसके पीछे भी कारण है हमारी विश्वाश और इस विश्वाश के पीछे छुपी है फार्मसी कंपनियों की मार्केटिंग रणनीति और इन सब रणनीति के पीछे छुपा है डर का माहोल यदि साफ़ शब्दों में कहा जाए तो डर का नाम ही अंग्रेजी दवा है |

इसे भी पढ़े यह लेख आप के लिए है 

अब आप बोलेंगे की आप यह कैसी बातें कर रहें है भले फार्मा कंपनियों ऐसा क्यों करेगी जी हाँ यही कर रही है मतलब लोगों को डरा कर दवा बेचना है चाहे वह बुखार की ही दवा क्यों न हो |

अब हम आप को बताते है की बुखार जैसी छोटी बीमारी के लिए भी आप को डरा कर ज़बरदस्ती अंग्रेजी दवाइयां आप के हाथों में थमा रही है जब की देखा जाए तो बुखार इतनी बड़ी बीमारी नहीं है जिसको को ख़त्म करने के लिए अंग्रेजी दवाई कम्पलसरी है |

बुखार के लिए दवा या घरेलु उपाय, और नुस्खे, क्या है बेहतर 

और ऐसा सिर्फ बुखार ही नहीं कोई भी बीमारी हो उसका इलाज आप के घर पर ही मोजूद है आप के किचेन में ही है पर यह दवाइयां बिलकुल वही ही है जैसी के आप के घर कोई ऐसी चीज़ जो आप के घर हो पर आप के दिल में यह हो की अगर हम खुद से करेंगे तो कर पाएंगे की नहीं और अगर आप ने हिम्मत कर कर लिया तो आप कमयाब हो गए |

इसी तरह हर बीमारी की दवाइयां है तो आप के घर पर ही पर आप को बिश्वास नहीं हो रहा है की ठीक होगा की नहीं इसी लिए आज में आप सब के लिए यह पोस्ट लिख रहा हु इस पुरे पोस्ट को पढने के बाद आप को अंग्रेजी दवा लेने की ज़रूरत नहीं होगी |

तो चलये जानते है की बुखार का घरेलु उपाय और उपचार क्या है कैसे बुखार ठीक हो सकता है और इस के लिए किन चीजों का इस्तेमाल करना है और वह चीजें क्या है और उन चीजों का इस्तेमाल कैसे कर सकते है |

दोस्तों आप सब यह भी जान लें की में इस लेख में उसी देसी उपाय और उपचार के बारे में बताने वाला हु जो हम ने अपनी ज़िन्दगी के इन 38 सालों में किया है और अब तक कर रहे है|

दोस्तों अगर आप को मौसमी बुखार या किसी भी तरह की बुखार हो तो आप फ़ौरन ही इन घरेलु उपाय का इस्तेमाल करें घंटों में ही आप की बुखार ख़त्म हो जायेगा और हमारा चलेंगे भी है की दुनिया की कोई अंग्रेजी दवाई इतने टाइम में बुखार को ठीक नहीं कर सकती है |

गरंटी से 2-3 घंटे में आप की बुखार 80 % ठीक हो जायेगा 

जितने समय में आप का घरेलु उपाय ठीक कर सकता है इस के लिए आप को कुछ नहीं करना है आप को थोड़ा अदरक और थोड़ा लेसून का पेस्ट और थोड़ी हल्दी और थोड़ा थोड़ा अश्वगंधा और शतावरी और मुलेठी मिलाकर पानी को इतना गर्म करना है|

जितना गर्म आप बॉडी सह सकें फिर उस पानी में आप अपने आप को सीने से निचे तक कम से कम 1 घंटा आप को उसी पानी में खड़े रहे या बैठे रहे या तब में भर कर उस में बैठ जाएँ पर याद रहे की आप को सीने के ऊपर पानी नहीं जाने देना है |

इस के बाद आप को आयरन वाला पानी नहीं पीना है आप को बुखार के दिनों में साफ़ पान पीना है वह भी गर्म करके और उसमे आप 10 से 12 लॉन्ग और इलाइची और दालचीनी और जीरा मिला लें और उस पानी को गर्म करके ही पियें ऐसा करने पर आप का बुखार सिर्फ 2 से 3 घंटे में ही ख़त्म हो जायेगा|

यदि आप इस को अपने घर पर नहीं कर सकते है तो आप इस के लिए चूर्ण इस वेबसाइट पर खरीद सकते है साथ में गाइड बुक भी मिलेगा खास बात यह है की यह बुक आप को बीमार होने से पहले ही अलर्ट कर देगा जिससे आप बहुत सारी बीमारी से खुद को बचा सकते है | Fever Home Remedies