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गोरखमुंडी का आयुर्वेद में इस्तेमाल

कहते है की इस पिथ्वी में कोई ऐसी बीमारी नहीं जिसकी दवा मोजूद न हो लेकिन अक्सर हमें दवा मिलती ही नहीं और उकसा कारण है की हमे पता नहीं है की कोन सी दवा किस बीमारी के लिए है एक सच्ची यह भी है की जो शहद के छत्ते को कांटने जनता है वही काट सकता है |

गोरखमुंडी पौधे का कैसे इस्तेमाल करें|

गोरखमुंडी एक प्रकार का एक जंगल है जो आम तोर से से हमारे पुरे भारत में पाया जाता है लेकिन इसका भी खास समय होता है खास कर यह पौधा बरसात के मौसम के बाद ही तेज़ी से बढ़ता है और जैसे ही ठंड पड़ता है इसका फूल खिलने लगता है |

एक बात और भी आप सब की जानकारी के लिए बता दें की यह गर्मियों के मौसम में धान के खेतों में भी उगते है जिसे आप अक्सर देखते रहते है वही अगर हम बात करें इसके टेस्ट को लेकर तो इसका टेस्ट करवा और तीखा होता है |

और इसका सुगंध अच्चा होता है यदि कोई इस दवा का इस्तेमाल करना चाहता है तो दिन में 2 बार इसका इस्तेमाल कर सकते है खास कर अगर आप दर्द की बीमारी के लिए इस्तेमाल करना चाहते है तो सुबह खली पेट ले सकते है |

गोरखमुंडी किन बीमारी के लिए फायदे मंद है 

गोरखमुंडी एक Unani हर्बल मेडिसिनल पौधा है जिसका इस्तेमाल कई प्रकार के बीमारी को दूर करने के लिए किया जाता है कई कंपनी इसका इस्तेमाल टॉनिक बनाने के लिए करती है और इसका इस्तेमाल खराब खून को बहार करता है|

गोरखमुंडी आप के शारीर में ब्लड की कमी को दूर करता है यदि आप के दिमाग में काफी उलझन रहता है या आप का दिमाग शांत नहीं रहता है तो इसका इस्तेमाल कर सकते है गोरखमुंडी आखों की रौशनी के लिए भी काफी फायदे मंद है|

यदि किसी इंसान के सीने में काफी दर्द हो रहा है या फिर चुभन हो रहा हो तो इस के जड़ का इस्तेमाल पाउडर बना कर ले सकते है और आप को बता दें की गोरखमुंडी का इस्तेमाल दिल की कमजोरी को दूर करने केलिए भी किया जाता है|

मिर्गी के लिए सबसे कारगर है यह पौधा 

हमारे भारत में जैसे जैसे मंगहाई बढ़ रही है वैसे ही बीमारी भी कम होनी चाहिए क्यों की गरीबों के पास उतने पैसे नहीं है की किसी बड़ी बीमारी का इलाज कर सके लेकिन कहते है की बीमारी किसी इंसान का घर देख कर नहीं अता है|

 

आप को एक बात और बता दूँ की आज हमारे इंडिया में हर बीमारी बड़ी तेज़ी से फल और फूल रहा है उन्ही बिमारियों में एक बीमारी है मिर्गी की बीमारी जो की इंडिया में 12 मिलियन से भी अधिक है जी हाँ हमारे भारत की यह आंकड़ा है|

उन में से कई लोग तो ऐसे है जिनको दावा नहीं मिलने के कारण उनकी मौत तक हो जाती है लेकिन आज की इस भाग दोर वाली ज़िन्दगी में लोग आयुर्वेद को भूल गए है और कामिकल के पीछे पड़े हुए है जिसकी वजह से और बीमारी में मुब्तला होते है|

आज हम आप को बताएँगे की कैसे हम पिछले 38 सालों से हजारों लोगों को मिर्गी की बीमारी से ठीक करते है वह भी सिर्फ 2 से 3 महीने में जी है उसके लिए आप को कुछ नहीं करना है आप को गोरखमुंडी  का जड़ लेना है|

और उसके साथ आप को केले का जड़ और गोखरू का पावडर और थोड़ा सा गय का घी लेना है और हाथ पैर में मालिश करना है और उसी के साथ आप को हमारे go-meg चूर्ण लेना है और सुबह शाम इसका इस्तेमाल करना है बस 2 महीने में ही ठीक हो जायेगा| आप को बता दे की गोरखमुंडी कई बीमारी के लिए इस्तेमाल किया जाता है|

यदि आप भी इस्तेमाल करना चाहते है तो किसी भी डॉक्टर की सलाह ज़रूर ले लें 

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